साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी कलम से चमत्कृत करने वाली हिंदी साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव पाठकों के मध्य जितनी लोकप्रिय हैं, उतनी ही साहित्य मनीषियों द्वारा प्रशंसित भी रही […]
ऑस्ट्रेलिया की हिंदी साहित्यकार भावना कुँवर से संवाद – डॉ. नूतन पाण्डेय
यूं तो डॉ.भावना कुंवर जी भारत में पली बढ़ी हैं लेकिन कुछ दशकों से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को अपनी कर्मस्थली बनाया हुआ है | ऑस्ट्रेलिया की व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भावना […]
हिंदी मेरे ज्ञान और अनुभव का स्त्रोत है : रामा तक्षक (नीदरलैंड के प्रवासी साहित्यकार से संवाद) – डॉ. दीपक पाण्डेय
भारत के राजस्थान में जन्में रामा तक्षक नीदरलैंड में रहकर हिंदी साहित्य की समृधि में कार्य कर रहे हैं.आप स्थानीय स्तर पर हिंदी से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन और संयोजन […]
प्रो. रत्नाकर नराले से डॉ. दीपक पांडेय जी की बातचीत
संस्कृत ,हिन्दी,मराठी ,तमिल ,पंजाबी ,अंग्रेजी आदि अनेक भाषाओं पर समानाधिकार रखने वाले रत्नाकर नराले जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर में हुआ था । आई.आई.टी.खड़कपुर से अपनी इंजीनियरिंग […]
साहित्य विविध मनोदशाओं और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है : अरुणा सब्बरवाल (प्रवासी लेखिका अरुणा सब्बरवाल से बातचीत) – डॉ. दीपक पाण्डेय
अरुणा सब्बरवाल लंदन में रहकर हिंदी-कहानियों का सृजन कर रही हैं. आप चित्रकला में भी पारंगत हैं और आपके चित्रों में भारतीयता के अनेक रंग देखने को मिल जाते हैं. […]
हिंदी पढ़ाते हुए मैं मातृभूमि के प्रति कर्तव्य का निर्वहन कर रही हूँ : हंसादीप (कनाडा की हिंदी कथाकार हंसादीप से बातचीत) – डॉ. दीपक पाण्डेय
हंसादीप जी कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो में हिंदी अध्यापन से जुडी हैं। आज हिंदी जगत में हंसादीप जी का सृजनात्मक हिंदी लेखन विशेष रूप से पहचान बना रहा है। […]
विदेशी पूंजी निवेश से भाषाई भगवाकरण का खतरा बढ़ा है मीडिया में (प्रख्यात कथाकार कमलेश्वर जी से मुहम्मद जाकिर हुसैन की बातचीत)
इंदिरा गांधी नहीं गायत्री देवी से प्रेरित होकर मैनें लिखी थी ‘आंधी’ बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कमलेश्वर की 27 जनवरी को 14वीं पुण्यतिथि है। 6 जनवरी, 1932 को उत्तरप्रदेश के […]
मैं उबलता हुआ पानी जिसे भाप बन कर ख़त्म होते रहना है (वरिष्ठ आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी जी से प्रियंका कुमारी की बातचीत)
समकालीन आलोचना जगत् में वरिष्ठ आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। एक आलोचक के साथ-साथ आप एक सफल सर्जक, इतिहासकार, गद्यकार एक कुशल अध्यापक और एक अच्छे शिष्य भी […]
श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. साधना शर्मा जी से सहचर टीम की आत्मीय बातचीत
प्रश्न 1. हिंदी भाषा के वैश्विक परिदृश्य पर आपके क्या विचार हैं ? उत्तर – हिंदी भाषा का जो वैश्विक परिदृश्य है, वैसे तो भारत में जो अपनी हिंदी की […]
अभिनेता अखिलेंद्र मिश्र से सहचर टीम की आत्मीय बातचीत
प्रश्न 1 – सर सबसे पहले हम यह जानना चाहेंगे कि बिहार से लेकर मुंबई की यात्रा आपने कैसे तय की ?अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में कुछ साझा […]