संपादकीय- डॉ. आलोक रंजन पांडेय
युग-निर्माता कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र – डाॅ. ममता सिंगला
बिदेसिया की स्त्री – अर्चना उपाध्याय
भक्ति आंदोलन में अलवर की दयाबाई का महत्व – डॉ. रूपा सिंह
अम्बेडकर की वैचारिक पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार – डॉ. माला मिश्र
सतत विकास बनाम पर्यावरण पर बढ़ता संकट – डॉ० राजेश उपाध्याय
प्रेम और सौंदर्य के कवि : प्रसाद – डॉ. तेजनारायण ओझा
संस्कार में सांस्कृतिक संघर्ष – अमृत कुमार
संत साहित्य और आचार्य परशुराम चतुर्वेदी- कुमारी किरण त्रिपाठी
मानव-मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत के निरूपण में तुलसी-काव्य का प्रदेय – डाॅ. सुनील कुमारी तिवारी
मोहन राकेश के नाटकों में समय और समाज – राकेश डबरिया
समकालीनता के दौर में हिंदी उपन्यासों में आई चेतना और प्रतिरोध – मनीष कनौजिया
विद्यापति का सौंदर्य वर्णन: विशेष संदर्भ (पदावली) – ललन कुमार
शिवप्रसाद सिंह के कथा साहित्य में समाज, संस्कृति और इतिहास : डॉ. साधना शर्मा
नई किरण (कहानी) : डॉ.संतोष खन्ना
साथी थी तुम (कविता) – शैलेंद्र कुमार सिंह
उसका चेहरा (लघुकथा) – मनोज शर्मा
एक कटोरा भरकर (कविता) – नम्रता सिंह
इच्छा (लघुकथा) – ओमप्रकाश क्षत्रिय
मददगार (कविता) – संजय वर्मा “दृष्टि”
छात्र-पॉलिटिक्स – भूपेंद्र भावुक
गुजराती कहानी ‘सगी माँ’ का हिंदी अनुवाद- अनुवादक : डॉ.रजनीकांत एस.शाह
गुलाम मंडी: किन्नर संवेदना, अस्मिता और अधिकार – पार्वती कुमारी
कोरजा (मेहरून्निसा परवेज) : स्त्री जीवन की त्रासदी का आख्यान – आरती
निराला का रचना संसार(लेखिका–डॉ. कुलविन्दर कौर) : डॉ. हरदीप कौर
परंपरा का पुनर्मूल्यांकन (नामवर सिंह)- डॉ. प्रकाशचंद भट्ट