संपादकीय 

डॉ. आलोक रंजन पांडेय

बातों-बातों में 

डी.डी. के प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘दो टूक’ में अपने सवालों से पस्त करनेवाले प्रसिद्ध पत्रकार और वरीय एंकर अशोक श्रीवास्तव से सहचर टीम की दो टूक बातचीत ।
लंदन में रहनेवाले भारतीय प्रवासी और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, एंग्लो एशियन ट्रस्ट के के प्रबंधक बाबा देवेंद्र घई से सहचर टीम आत्मीय बातचीत।
मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक, प्रसिद्ध साहित्यकार व आलोचक डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय से डॉ. प्रमोद पाण्डेय की बातचीत

शोधार्थी

 वैश्वीकरण, बाजारवाद और हिंदी भाषा – डॉ. साधना शर्मा

फिल्मी आइने में ‘दिव्यांग’ – अर्चना उपाध्याय

सूरदास के काव्य में लोकतत्व – अनुराग सिंह 

आधी आबादी का स्वर : बेतवा बहती रही – डॉ. तेज नारायण ओझा / रजनी पाण्डेय / रश्मि पाण्डेय

राजभाषा हिंदी का स्वरूप – डॉ. ममता सिंगला

मीडिया के कायाकल्प का वाहक है न्यू मीडिया – डॉ. सुनील कुमार तिवारी

सोशल मीडिया : दशा और दिशा ‌- प्रवीण कुमार झा

नागार्जुन की कविता: असंभव की संभावना – श्वेतांशु शेखर झा

संघ के सत्कार्य और मीडिया का पूर्वाग्रही मूल्यांकन – पीयूष द्विवेदी
न्यू मीडिया का दुरुपयोग : सोशल मीडिया के संदर्भ में – वीरेन्दर
21वीं सदी में तकनीक और मीडिया का बदलता स्वरूप – अतुल वैभव
युवाओं के कंधों पर सवार न्यू मीडिया – डॉ. अनु चौहान

अंबेडकर के दलित -दर्शन का हिन्दी कथा – साहित्य में बौद्धिक प्रतिफलन – डॉ. माला मिश्र 
सोशल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता- कु. किरण त्रिपाठी
अभिव्यक्ति के नए आयाम – डॉ. चित्रा सचदेवा
भारत में समकालीन मीडिया और मौद्रिक व्यवस्था: विमुद्रीकरण के संदर्भ में – राकेश कुमार दुबे
न्यू मीडिया की विश्वसनीयता – दीपक झा
रीतिकालीन साहित्य और न्यू मीडिया : डॉ. सरिता
मानव अधिकारों की रक्षा में मीडिया की भूमिका – डॉ. कमलिनी पाणिग्राही
बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और मीडिया – डॉ. सुशील कुमार
मीडिया में भारतीय जीवन मूल्यों का स्वरूप – डॉ. आशा रानी
संवाद का माध्यम और न्यू मीडिया – रोहित कुमार
राष्ट्रवादी पत्रकारिता का दौर – राजीव प्रताप सिंह
तर्क की प्रसुप्ति का दौर और नया मीडिया – गोपाल सुलेखा कैलाश झा
सोशल मीडिया में उपभोक्तावादी संस्कृति और विज्ञापन – डॉ. हरदीप कौर

अनुभूति 
और मुन्ना ने सुनी कहानी (कविता) – सुषमा सिंह
मेरी पहचान (कविता) -अमर
आलोक मिश्रा की दो कविताएँ
देश का भगवान ? (कविता) – संदीप शर्मा
पढ़ता रहूँगा तेरा चेहरा (कहानी)-गोपाल निर्दोष
प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का नाट्य रूपांतरण : तेजस पुनिया

जरा हट के 
नारी शक्ति – डॉ॰ मधु कौशिक
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों में रवींद्रनाथ ठाकुर के विश्व-मानवतावाद के प्रभाव का अध्ययन- अमन कुमार
समकालीन हिंदी कविता में पारिवार – डॉ. दयाराम
धर्म और क्म्यूनिज्म – मोहसिना खातून
नारी-चेतना के विविध आयाम – ज्योति
डायन बताने के पीछे षड्यंत्र : संतोष शर्मा
सुभद्राकुमारी चौहान के काव्य में राष्ट्रीय चेतना – निधि मिश्रा
मध्यवर्ग की बौद्धिकता और विपात्रा – चंद्रमणि सिंह

तर्जुमा 
हिंदी अनुवाद के इतिहास लेखन में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का योगदान – वीरेंद्र कुमार मीना

समीक्षा 
दिल्ली दरबार (उपन्यास) लेखक : सत्य व्यास ‌‌- नितिन चौरसिया

सिनेमा/फैशन 
हिंदी कथा साहित्य और टेलीफिल्म : डॉ. विपुल कुमार
एनिमेशन फिल्मों का जादुई संसार – डॉ. अंकित कुमार श्रीवास्तव

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