ग़ज़ल 1 – ‘दिल को सदा दे गया कोई’

 

चुपके से मेरे दिल को सदा दे गया कोई।

नज़रों से ही पयामे वफ़ा दे गया कोई।।

मुरझा गया था दिल का चमन सख्त धूप में।

बरसात बनके रंग हरा दे गया कोई।।

अय दोस्त तेरी याद ही जीने का सहारा।

तारीकियो में मुझको ज़िया दे गया कोई।।

हर वक़्त खुमारी सी है हर पल है बेख़ुदी।

मुझको ये जागने की सज़ा दे गया कोई।।

‘राना’ नसीब मुझ पे हुआ मिहिरवान् तो।

उम्मीद से भी ज़्यादा मज़ा दे गया कोई।।

ग़ज़ल 2:-‘दिल में समाई होगी’

जब हँसी होंठों पै आई होगी ।

अदा वो दिल में समाई होगी।।

रात भर जागता रहा हँू मैं ।

नींद तुमको भी न आई होगी।।

हसीं है वो तो जवां हँू मैं भी ।

कशिश मेरी खींच लाई होगी।।

उड़ी तो होगी गुलों की रंगत ।

चमन में जब वो लजाई होगी ।।

फ़लक ज़मीं पै झुक आया होगा ।

नज़र जब उसने उठाई होगी ।।

ख़बर हैं बज़्म में’‘राना’’उसने ।

ग़ज़ल मेरी ही सुनाई होगी ।।

 

राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’’
शिवनगर कॉलोनी, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश

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