1. फ़रिश्ता चाँद का 

हज़ारों गम हैं बिछुड़न के
एक नगीना प्रेम का
रात उजयाली करने आया
एक फ़रिश्ता चाँद का

स्वप्न सुंदर नयन मग्न
और दरिया जो शाम का
वक़्त चुराता हुआ आया
एक फ़रिश्ता चाँद का

शाम निराली बाजु पकड़े
मंद मंद मुस्काती है
पहरा देने वो है आया
एक फ़रिश्ता चाँद का

 स्वर्ण कलियाँ खिलीं रात में
गुफ्तगुं होले से करती हैं
उस गुफ्तगुं को सुनने आया
एक फ़रिश्ता चाँद का

यारों की यादें हैं बहती
उस शाम के आँचल में
उन्हीं से यारी करने आया
एक फ़रिश्ता चाँद का

२. ठाँव विश्व का 

एक ही रंग हो
एक ही भाव हो
एक ठाँव हो विश्व का

हम चलें राह पर
राह हो पुष्पवन
पुष्प हो आधार विश्व का

सब मिले बढ़ें चलें
जीत को ख़ोज लें
प्रेम की ही छाँव में
आवास हो विश्व का

एक धारा बही
बालमन की कली
एक ही गोद से
नाता हो विश्व का

एक ही विधान हो
एक नीति ज्ञान हो
एक ही समान सर्व
अधिकार हो विश्व का

मानवीय धर्म को
मान लें हम सभी
न कभी धर्म फिर
विवाद हो विश्व का

मधुर सुमन क्यारी में
बोयें ऐसे बीज कि
खिले भविष्य बाग वह
हरा भरा हो विश्व का

3. धरती मेरी अद्भुत 

धरती मेरी अद्भुत प्राणी
नहीं इसको तू खोना
प्रेम अकेला शक्तिशाली
बाकी जग है बौना

प्रयासों का भोग चढ़ाकर
नित सेवा तू करना
कण कण सोना है इस पथ का
नहीं इसको तू खोना

नीला अंबर एक दर्पण है
रोज सवेरा आता
नव उर्जा की भेंट तू लेना
नहीं इसको तू खोना

रंग बिरंगी इस धरती पर
मेघा प्यारे छाए
वर्षा है ये पारस मोती
नहीं इसको तू खोना

मानव संज्ञा सबसे प्यारी
लोक लाज की गंगा
है सुरमयी धारा छैन छबीली
नहीं इसको तू खोना

4. ख्वाहिश है 

रिश्ता बनाया है ख़्वाब से
निभाने की ख्वाहिश है
नयनों में छटपटाता परिंदा
उड़ाने की ख्वाहिश है

चमचमाएंगी अपनी राहें
ज़रूर वो सवेरा आएगा
आसमानों तक के सफ़र को
कदम देने की ख्वाहिश है

सितारों से हुई कुछ कहासुनी
चमकते जो अकेले हैं
उन सितारों की ही दुनिया में
पंख फ़ैलाने की ख्वाहिश है

उम्मीदें नहीं इस जहाँ से
उम्मीदों से खफ़ा हूँ
बारिशों की बूंदों में
डूब जाने की ख्वाहिश है

दिल ही दिल से बतियाता है
मेरी तो एक न बात सुने
इसी दिल के किसी कोने में
गुनगुनाने की ख्वाहिश है

5. पैगाम 

इंद्रधनुष से चुराया है रंगों को
जिंदगी अपनी रंग लेना
थोड़ी देर टहल कर आता हूँ
कुछ मेरे लिए भी रख लेना
उम्मीदों की बारिश है
थोड़ा सा तो भीग जाओ
कि जग सारा टोकेगा
मेरे लिए सब सह लेना
तुम्हारे सहने की कसम है मुझे
मैं लौटूंगा
उस टूटी फूटी पगडंडी पर
राह मेरी तक लेना
मिठाइयों के बागों से
पत्थर दिल लेकर आया हूँ
यहाँ तो बस गोलियों की बरसात है
उस मद्धम सी बरसात को
तुम जरूर चख़ लेना
रंगों की बहार में
खोये हुए ज़माना हो गया
अब ज़माना कुछ और है शायद
कि ज़माना वो रंगीन था
अब ज़माने के कहने पर
मैं तुमसे कहता हूँ
बड़ी खूबसूरत है जिंदगी
कफ़न बनकर मत रहना

 

सृष्टि भार्गव

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