बीते कल में आज को दिखाती भरखमा – नवीन कुमार जोशी

राजस्थानी फ़िल्म का नाम सुनते ही हमें अजीबो गरीब अहसास होता है कि कोई ऐसी फ़िल्म सिनेमा घर में लगी होगी जो अपने ही पात्रों के भीतर दम तोड़ देगी। […]

स्वातन्त्र्य वीर सावरकर को करीब से देखिए – तेजस पूनियां

सिंधु नदी से सागर तक हम एक ही हैं। हमारी एक ही आइडियोलॉजी होनी चाहिए हिंदुत्व। हिंदुत्व हिन्दू धर्म नहीं है और सनातन धर्म भी हिन्दू धर्म का केवल एक […]

सार्थक सिनेमा के चितेरे ‘बासु दा’ थे – तेजस पूनियां

भारतीय सिनेमा में सार्थक सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों में सत्यजित रे, बासु भट्टाचार्य आदि जैसे बंगाली फिल्म निर्देशकों का स्थान हमेशा अव्वल रहा है। लेकिन इन्हीं लोगों की पंक्ति में […]

सार्थक सिनेमा के चितेरे ‘बासु दा’ थे (पुस्तक समीक्षा) – तेजस पूनियां

भारतीय सिनेमा में सार्थक सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों में सत्यजित रे, बासु भट्टाचार्य आदि जैसे बंगाली फिल्म निर्देशकों का स्थान हमेशा अव्वल रहा है। लेकिन इन्हीं लोगों की पंक्ति में […]

अच्छी और सच्ची आइडियोलॉजी के सरदार ‘सरदार उधम’ – तेजस पूनियां 

‘आदमी को मारा जा सकता है। उसके विचारों को नहीं और जिस विचार का वक़्त आया हो उसे वक़्त भी नहीं टाल सकता।’ आइडियोलॉजी अच्छी और सच्ची होनी चाहिए।’ हमें […]

अपनी ही राह पर दौड़ती ‘लव हॉस्टल’ – तेजस पूनियां 

एक तरफ़ मुस्लिम जाट लड़का दूसरी ओर हिन्दू जाट लड़की। दोनों में प्यार हुआ। कैसे? कब? कहाँ मिले? जरूरी नहीं बताना। लड़की के परिवार वाले लड़की को मारना चाहते हैं। […]

अपनी ब्रांड वैल्यू को भुनाने में नाकाम ‘बंटी बबली 2’ – तेजस पूनियां

आज से करीबन 15-16 साल पहले आई एक ठग जोड़ी अभिषेक बच्चन, रानी मुखर्जी की चोरियां, ठगी तो आपको याद ही होगीं। अरे वही जिन्होंने सिनेमाई पर्दे पर खूब रंग […]

प्रेम के आइने में पंचलैट – नवीन कुमार जोशी

हमने संसार जगत में फिल्में तो बहुत देखी है लेकिन ऐसी फिल्म नहीं। जिसकी साहित्य दृष्टि से कहानी भी इतनी उत्कृष्ट और सशक्त हो और वह सबका मन भी हर्षित […]

देवी  : सिर्फ़ नाम की ? – निहारिका शर्मा 

प्रियंका बैनर्जी के निर्देशन में बनी “ देवी ” लघु फ़िल्म देवी शब्द पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए नज़र आती है । इस लघु फ़िल्म में मुख्य भूमिका निभाई है […]