
साहित्य के सरोकार, जिनकी रचना में, निर्धन, दलितों, नारी, के करुण स्वरों की है पुकार, कहलाते हैं वह साहित्य सम्राट। वाराणसी में है जन्म लिया, नवाब राय नाम से लेखनी […]
साहित्य के सरोकार, जिनकी रचना में, निर्धन, दलितों, नारी, के करुण स्वरों की है पुकार, कहलाते हैं वह साहित्य सम्राट। वाराणसी में है जन्म लिया, नवाब राय नाम से लेखनी […]
जब रात अंधेरा होता हैं और छा जाती है नीरवता तब उस क्षण गूंजती हैं अनगिनत आवाज़ें जो […]
बन कर रंगीन कठपुतली, क्यों नाच रही है शिक्षा? करने वाले प्रकृति की वंदना, आज अभिभूत, कर रहे अतिरंजना क्या मॉल – झोपड़ी एक समान, बना कर इंटरनेट वरदान? रेतीले […]
आज का मानव इंसान नहीं, इंसान के रूप में छिपा भेड़िया || डग-डग पर है खतरा-खतरा कब क्या हो जाये किस राह पर, वह हैवान तुम्हे मिल जाये | नोच-नोच […]
आज वह दिन बहुत याद आ रहा है जब काम के लिए जाते समय डब्बा बांधते हुए रमा के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। पता लग रहा था कि वह […]
स्त्री को बेदिमाग या ‘इमोशनल फूल’ कहकर उसकी निंदा करना बहुत ही उपहासास्पद है। या यूं कहना कि उनमें दिमाग ही नहीं होता, यह केवल समाज की संकीर्ण मानसिकता ही […]
(शीर्षकंगल इल्लात्त कवितकल – शीर्षकहीन कविताएं) (1) […]
मिडिल क्लास की रोजमर्रा की जिंदगी से रूबरू कराती कहानियाँ कथाकार रामनगीना मौर्य का एक और कहानी संग्रह “सॉफ्ट कॉर्नर” […]
बॉलीवुड की पहली फ़िल्म आलम आरा बनने के कुछ वर्ष बाद ही पंजाबी सिनेमा भी बनने लगा था। अगर बात करें पहली पंजाबी फिल्म की तो सबसे पहले पंजाबी भाषा […]