संस्कृति किसी देश की जीवन शैली, आचार-विचार तथा सामाजिक-धार्मिक प्रवृत्तियों आदि का परिचायक होती हैं। प्रत्येक देश का साहित्य उस देश की सांस्कृतिक एकता तथा जनता की चित्तवृत्तियों को प्रकट […]
मानवीय संदर्भों के कविः संत रैदास – अम्बरीन आफताब
अपनी अमर वाणी से मानव जीवन को अभिनव दिशा प्रदान करने वाले निर्गुणपंथी संत महापुरूषों में गुरू रैदास अथवा रविदास का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। प्रभु के अनन्य […]
सुषम बेदी के कथा-साहित्य में प्रवासी जीवन की समस्याएँ – मनीषखारी
भाषा और साहित्य किसी भी प्रकार की भौगोलिक सीमाओं को स्वीकार नहीं करते क्योंकि साहित्य मानवीय अनुभवों की अभिव्यक्ति होता है। इन अनुभवों का काल एवं स्थान की सीमाओं से […]
हिंदी साहित्य में मिथक की अवधारणा – राहुल प्रसाद
हिंदी साहित्य का प्रारंभ एवं विकास निरंतर मिथकों से जुड़ा प्रतीत होता है । समय समय पर मिथकों की उपज साहित्य को नव आयामों से विभूषित करती रही है । […]
सिनेमा, साहित्य और भारत-विभाजन – आशीष कुमार
साहित्य और सिनेमा का पुराना एवं गहरा सम्बन्ध रहा है। साहित्य और सिनेमा ऐसे माध्यम हैं जिसमें समाज को बदलने की ताकत सबसे अधिक होती है। कोई भी साहित्य युगीन-जीवनमूल्यों […]
पलायन की समस्याऔर अनुसूचित जाति :ग्रामीण परिवेश के मुसहर समाज के सन्दर्भ में – जोखन शर्मा
एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर रहना और अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने का प्रयास करना पलायन कहलाता है । पलायन (माइग्रेशन) को किसी व्यक्ति के विस्थापन के […]
भीष्म साहनी के नाटक (हानूश का विशेष संदर्भ) – डॉ॰ बृज किशोर
भीष्म साहनी का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे हिन्दी गद्यकारों में अग्रिम पंक्ति के रचनाकार हैं। वे मूलतः कथाकार हैं लेकिन, “स्वाभाविक-यथार्थपूर्ण चरित्रों की जीवंत सृष्टि, क्षणों की सूक्ष्म पकड़, सहज […]
राकेश धर द्विवेदी की कविताएँ
(क) ऋण वैसे तो दोनों का नाम श से प्रारम्भ होता था एक शोषित वर्ग का प्रतिनिधित्व करता था और दूसरा शोषक वर्ग का दोनों ने ही ऋण लिया था […]
शहर जो आदमी खाता है – तेजस पूनिया
एक बड़ी दानवाकार कृति मेरे ऊपर आ बैठी है और एक विराट स्वरूप धारण करती जा रही है । अचानक मैं उठ बैठा पसीने से तरबतर । आज मुझे पूरे […]
लव कुमार ‘लव’ की कविताएँ
(क) उद्घोष न्याय की आंखों पर बंधी पट्टी का पक्षपात के रोग से ग्रसित होना कानून की देवी के तराजू का कम्पन किसी उद्घोष की आहट है किसी क्रांति का […]